पूरे भारत में जम्म कश्मीर इस वक़्त सबसे सब्वेदंशील जगह है और यहाँ से आये दिन कुछ न कुछ खबर आती रहती है| कभी पाकिस्तान द्वारा सीजफायर का उल्लंघन करके की जा रही गोलीबारी को लेकर तो कभी आतंकी हमलों के बारे में! और जब ये नहीं, तो वहां के स्थानीय पत्थरबाज़ ही सेना के लिए आफत बन जाते हैं!
और ये पत्थरबाज़ इतनी बड़ी समस्या इसलिए हैं क्योंकि सेना न तो खुलकर इन पर कारवाई कर सकती है, और न ही इन्हें अपनी मनमानी करने दे सकती है! और क्योंकि सरकार, नेता और आम जनता तो घर बैठे इन मामलों पर प्रतिक्रिया दे देते हैं, असली मुसीबत झेलनी पड़ती है सेना के जवानों को!
और फिर जब सेना जवाबी कारवाई करती है, तो उसे सवालों के घेरे में खडा कर दिया जाता है! और ऐसा ही कुछ हुआ मेजर आदित्य के केस में भी!
शोपियां फायरिंग में मेजर आदित्य के खिलाफ की गयी थी FIR, लेकिन उनके पक्ष में फैसला सुनाया शीर्ष अदालत ने!
शोपियां फायरिंग की घटना पिछले हफ्ते हुई थी, जिसमे लगभग 200 से 250 पत्थाबाज़ों ने सेना पर हमला बोल दिया था| इसमें सेना के वाहनों को भी निशाना बनाया गया था और हमले में कई सिपाही घायल भी हो गये थे| फिर इसके बाद सेना ने गोलियां चलायीं जिसमे 3 पत्थाबाज़ मारे गये थे|
बाद में इस घटना को लेकर जम्मू कश्मीर सरकार और अलगाववादियों ने काफी हो-हल्ला मचाया, और जवानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी| पुलिस ने मेजर आदित्य पर FIR दायर कर दी थी और कई राजनीतिक पार्टियों ने भी सेना को ही सारा दोष दिया| हालांकि सेना ने सफाई भी दी थी कि मेजर गोलीबारी वाले स्थान पर मौजूद नहीं थे, फिर भी उनके खिलाफ आवाज़ उठाई गयी|
और फिर मेजर आदित्य के पिता ने शीर्ष अदालत से लगाई न्याय की गुहार!
जब किसी ने भी सेना और मेजर का पक्ष नहीं सुना, तो फिर मेजर आदित्य के पिता सुप्रीम कोर्ट पहुँच गये| और सारा मामला सुनने के बाद कोर्ट ने मेजर पर किसी भी तरह की कारवाई पर रोक लगा दी| इस फैसले के बाद सेना ने राहत की सांस ली है| SC ने जम्मू कश्मीर सरकार और केंद्र सरकार दोनों को नोटिस दिया है और FIR रद्द करने के लिए मेजर आदित्य के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह की याचिका अ जवाब देने को कहा है!
Source: Postcard News